Monday, April 29, 2013

In Rhythm with Life

There were days during school when I was obsessed with pencils, erasers and sketching. Sketching profiles, scenaries etc. Decided to revisit that chapter, that passion.

Posting one of my sketches - 'In Rhythm with Life'- the original version and then the version with some magic done by a friend, Vikas just transformed it!

 
 
 
 
 
 

Saturday, April 20, 2013

ना छीनो मुझसे मेरा बच्चपन



खेलती हूँ मैं गुड़ियों से,
सपने हैं रंग बिरंगे,
आसमान हैं मेरा आँगन 
खेलु मैं होके मगन 
बातें चॉकलेट मिठाई की  
हंसी की किलकारी हैं 
आँखों में मासूमियत 
दिमाग में हलकी शररत. 

कौन हो तुम कहाँ से आये ?
हैवान हो या जंगली मानुस ?
छोड़ो मुझे, आँखें मैं मूँद लु .
बस याद वोह दर्द,
ना समझू मैं इस दुनिया को. .

ना छीनो मुझसे मेरा बच्चपन 
मासूम हूँ मैं
 ना छीनो मुझसे मेरा बच्चपन 
नाज़ुक हूँ मैं 
  ना छीनो मुझसे मेरा बच्चपन 
इंसान हूँ मैं 
लड़की हूँ मैं 
किसी की बेटी हूँ मैं 
किसी की बहिन हूँ मैं'
किसी की दुनिया हूँ मैं'
   .......ना छीनो मुझसे मेरा बच्चपन 
........................ना छीनो मुझसे मेरा बच्चपन


Rima, you are deeply loved

                                                  Rima at Infinitea, Bengaluru Dearest Rima, I wish I wasn’t writing this letter to you. B...