खेलती हूँ मैं गुड़ियों से,
सपने हैं रंग बिरंगे,
आसमान हैं मेरा आँगन
खेलु मैं होके मगन
बातें चॉकलेट मिठाई की
हंसी की किलकारी हैं
आँखों में मासूमियत
दिमाग में हलकी शररत.
कौन हो तुम कहाँ से आये ?
हैवान हो या जंगली मानुस ?
छोड़ो मुझे, आँखें मैं मूँद लु .
बस याद वोह दर्द,
ना समझू मैं इस दुनिया को. .
ना छीनो मुझसे मेरा बच्चपन
मासूम हूँ मैं
ना छीनो मुझसे मेरा बच्चपन
नाज़ुक हूँ मैं
ना छीनो मुझसे मेरा बच्चपन
इंसान हूँ मैं
लड़की हूँ मैं
किसी की बेटी हूँ मैं
किसी की बहिन हूँ मैं'
किसी की दुनिया हूँ मैं'
.......ना छीनो मुझसे मेरा बच्चपन
........................ना छीनो मुझसे मेरा बच्चपन
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